Detailed Notes on kismat ka upay

१. यदि किसी को लगातार बुखार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड लेकर उसे किसी कपडे में कस कर बांध लें !

बुध ग्रह किन-किन वस्तु का है अधिष्ठाता? 

भगवान कृष्ण ने रणभूमि में अर्जुन को ब्रह्मज्ञान देते हुए कहा था, हे अर्जुन! कर्म करो फल की इच्छा न करो. वास्तविकता में हमारे कर्म ही हमारे भाग्य का निर्धारण करते हैं. यह एक ही सिक्के के दो पहलुओं की तरह हैं. कर्म करते हुए हमें भाग्य के महत्त्व को नकारना नहीं चाहिए.

हम किसी भी कार्य से घर से बाहर निकलते हैं तो अपने बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद देने का कार्य नहीं करते हैं जबकि बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद पैर छूकर लेने से सभी प्रकार की समस्याएं कम होने लगती हैं यदि अपने माता-पिता दादा-दादी आदि के पैर छूकर हम घर से बाहर निकलते हैं तो हमारे ग्रह हमारे अनुकूल शुभ फल प्राप्त कराते हैं और किसी भी प्रकार के संकट हम पर नहीं आते हैं।

किसी दुकान में जाकर किसी भी शुक्रवार को कोई भी एक स्टील का ताला खरीद लीजिए ! लेकिन ताला खरीदते वक्त न तो उस ताले को आप खुद खोलें और न ही दुकानदार को खोलने दें ताले को जांचने के लिए भी न खोलें ! उसी तरह से डिब्बी में बन्द का बन्द ताला दुकान से खरीद लें !

   शरीर के विभिन्न अंगों पर तिलों का फल

किस्मत चमकाने के लिए करें ये उपाय, हो जाएंगे मालामाल

इसे उत्तर या उत्तरपूर्व की ओर रखें। यदि कोई मछली मर जाए तो उसको click here निकाल कर नई मछली लाकर उसमें डाल दें।

जैतसिंह चुण्डावत- मुक़ाबला जीतने हेतु इस वीर ने स्वयं अपना सिर काटकर फेंका था दुर्ग में »

स्वाइन फ्लू के उपचार

कराग्रे वसते लक्ष्मी कर मध्ये सरस्वती।

यह ज्योतिष के सिधान्तो और हस्तरेखा के सिधान्तो को सरल रूप से समझाता है।

नौवें भाव के लिए गुरु का उपाय करना होता है। यदि नौवें भाव में पहले से ही गुरु ग्रह हैं तो अति उत्तम लेकिन धर्म विरुद्ध आचरण बर्बादी का कारण बन सकता है। मतलब यह कि मांस-मदिरा से दूर रहेंगे, सत्य बोलेंगे और पिता, दादा, ईश्‍वर और कुल देवता में श्रद्धा रखेंगे तो भाग्य जाग जाएगा। दूसरा यह कि नवम भाव सोया हुआ है तो प्रति गुरुवार के दिन पीला वस्त्र धारण करें, सोना पहनें और केसर का तिलक लगाएं।

प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें, ऐसा करने से आपका भाग्य उदित होगा और आपके शत्रु पराजित हो जाएंगे.

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